नई दिल्ली — भारत के प्रमुख उद्योग समूहों में से एक अडाणी ग्रुप ने वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स और अन्य वित्तीय योगदान के माध्यम से देश के राजकोष में 74,945 करोड़ रुपये का उल्लेखनीय सहयोग दिया है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक है, जब समूह का योगदान 58,104 करोड़ रुपये था।
यह वृद्धि न केवल अडाणी ग्रुप की आर्थिक प्रगति को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि देश के आर्थिक ढांचे और सार्वजनिक निवेश में निजी कंपनियां किस तरह से निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।
टैक्स वितरण का विश्लेषण
अडाणी ग्रुप के इस 74,945 करोड़ रुपये के योगदान को तीन प्रमुख वर्गों में बांटा गया है:
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प्रत्यक्ष कर (Direct Tax): ₹28,720 करोड़
(ये कर कंपनियों द्वारा सीधे केंद्र सरकार को दिए गए)
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अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax): ₹45,407 करोड़
(इनमें जीएसटी, कस्टम ड्यूटी, एक्साइज टैक्स आदि शामिल हैं जो ग्राहकों और सप्लायर्स से एकत्रित कर सरकार को दिया गया)
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अन्य योगदान: ₹818 करोड़
(इसमें कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी और अन्य वैधानिक भुगतान शामिल हैं)
मुंबई मेट्रो और ओलंपिक की लागत से भी बड़ा योगदान
इस भारी-भरकम राशि को संदर्भ में समझने के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि:
इस तुलना से यह स्पष्ट होता है कि अडाणी ग्रुप का यह योगदान न केवल बड़ी संख्या में है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के बराबर है।
कौन-कौन सी कंपनियों ने निभाई अहम भूमिका?
अडाणी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों में से कई ने इस टैक्स योगदान में बड़ा हिस्सा निभाया, जिनमें शामिल हैं:
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Adani Enterprises Limited (AEL)
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Adani Ports & SEZ Limited (APSEZ)
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Adani Green Energy Limited (AGEL)
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Adani Energy Solutions Limited (AESL)
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Adani Power Limited
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Adani Total Gas Limited
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Ambuja Cements Limited
इसके अलावा, समूह की तीन और सहायक कंपनियां — एनडीटीवी, एसीसी और सांघी इंडस्ट्रीज — भी इस योगदान में शामिल हैं।
ग्रुप ने अपनी इन सात कंपनियों की वेबसाइटों पर टैक्स योगदान के संबंध में “द बेसिस ऑफ टैक्स प्रिपरेशन एंड अप्रोच” नामक दस्तावेज भी सार्वजनिक किया है, जिससे टैक्स पारदर्शिता और नीति की गंभीरता जाहिर होती है।
ESG नीति और सामाजिक जवाबदेही
अडाणी ग्रुप अपने टैक्स योगदान को महज वित्तीय जिम्मेदारी नहीं मानता, बल्कि इसे ESG (Environment, Social, Governance) ढांचे का अभिन्न हिस्सा मानता है। टैक्स पारदर्शिता को सामाजिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी के रूप में देखा जा रहा है।
ग्रुप का उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि भारत के बुनियादी ढांचे को विकसित करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना, और दीर्घकालिक आर्थिक मूल्य का निर्माण करना भी है।
इस दिशा में अडाणी ग्रुप की ओर से विकासशील भारत की सोच और जवाबदेही की नीति दोनों साथ-साथ चल रही हैं।
वैश्विक जिम्मेदारियां भी निभा रहा है अडाणी ग्रुप
टैक्स योगदान सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। अडाणी पोर्टफोलियो की कंपनियां ग्लोबल टैक्स और शुल्क भी अदा करती हैं। इसमें शामिल हैं:
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विदेशी कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी योगदान
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अंतरराष्ट्रीय कर और शुल्क
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ग्लोबल ट्रेड से संबंधित अप्रत्यक्ष कर
इससे यह स्पष्ट होता है कि अडाणी ग्रुप केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक कॉर्पोरेट जिम्मेदारियों को भी पूरी गंभीरता से निभा रहा है।
निष्कर्ष: भारत के विकास में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका
अडाणी ग्रुप का वित्त वर्ष 2025 में 75 हजार करोड़ रुपये के करीब का टैक्स और वित्तीय योगदान यह बताता है कि भारत के निजी क्षेत्र की कंपनियां सरकार की राजस्व संरचना में अहम भूमिका निभा रही हैं।
जहां एक ओर यह टैक्स देश के इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए उपयोग में आएगा, वहीं यह अडाणी ग्रुप की जिम्मेदार कारोबारी सोच को भी उजागर करता है।
यह उदाहरण अन्य कॉरपोरेट समूहों को भी पारदर्शिता, जिम्मेदारी और राष्ट्रीय हित के लिए प्रेरित करेगा — जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और भारत को वैश्विक आर्थिक ताकत बनाने में मदद मिलेगी।