Elon Musk की Starlink को भारत में मिली मंजूरी, अब गांव-गांव चलेगा सैटेलाइट से इंटरनेट

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Posted On:Saturday, June 7, 2025

भारत में इंटरनेट सेवा के क्षेत्र में एक बड़ी खबर आई है। अमेरिकी कंपनी SpaceX की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा Starlink को भारत में ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलने में जल्द ही कोई बाधा नहीं आएगी। सरकारी अधिकारियों की ओर से स्पष्ट किया गया है कि Starlink जब ट्रायल स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन करेगी, तो उसे 15 से 20 दिनों के भीतर ही परीक्षण स्पेक्ट्रम दे दिया जाएगा। इस फैसले से Starlink भारत में अपनी इंटरनेट सेवा जल्द शुरू कर सकेगी।


Starlink क्या है और क्यों है खास?

Starlink एक सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवा है, जो स्पेसएक्स द्वारा संचालित है। इसका उद्देश्य है धरती के हर कोने तक तेज और विश्वसनीय इंटरनेट पहुंचाना। यह सेवा खासतौर पर उन इलाकों के लिए वरदान साबित हो सकती है जहां पारंपरिक इंटरनेट सेवा पहुंचाना मुश्किल होता है, जैसे कि पहाड़, जंगल, दूर-दराज के गांव, या कहीं जहां मोबाइल टावर लगाना संभव नहीं होता।

सैटेलाइट इंटरनेट में, छोटे छोटे सैटेलाइट अंतरिक्ष में घूमते हैं और वे उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट सिग्नल पहुंचाते हैं। इससे उपयोगकर्ता को कहीं भी हाई-स्पीड इंटरनेट मिलता है, बिना किसी केबल या टावर के।


भारत में Starlink को लाइसेंस का इंतजार था

Starlink ने 2022 से भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस लेने की कोशिश की थी, लेकिन लंबी प्रक्रिया और कुछ कानूनी और तकनीकी बाधाओं की वजह से इसे मंजूरी मिलने में देर हो रही थी। लेकिन अब सरकार की तरफ से स्पेक्ट्रम मिलने की प्रक्रिया तेज होने की खबर से यह बाधा दूर होने वाली है।

मार्च 2025 में भारत की बड़ी दूरसंचार कंपनी Airtel ने SpaceX की Starlink के साथ एक रणनीतिक समझौता किया था। Airtel ने कहा था कि जैसे ही Starlink को भारत में सेवा देने की अनुमति मिलेगी, वह इसके साथ मिलकर भारत में इस सेवा को उपलब्ध कराएगी। अब, जब ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलने में देरी नहीं होगी, तो यह साझेदारी जल्दी फलित हो सकती है।


Airtel के बाद Jio भी Starlink के साथ साझेदारी में

भारत की टेलीकॉम दिग्गज कंपनियों में Reliance Jio ने भी Starlink के साथ हाथ मिलाया है। Jio भी देश के उन क्षेत्रों में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लाने के लिए Starlink की तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है, जहां ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क की पहुंच सीमित है।

Airtel और Jio दोनों ही इस तकनीक के जरिए भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में योगदान देना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि देश के हर कोने में तेज, भरोसेमंद और किफायती इंटरनेट पहुंचाना।


Starlink से भारत को क्या फायदे होंगे?

  1. दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी
    भारत में अभी भी कई ग्रामीण और पहाड़ी इलाके ऐसे हैं जहां इंटरनेट सेवा या तो बहुत कमजोर है या बिल्कुल उपलब्ध नहीं है। Starlink की सैटेलाइट सेवा यहां इंटरनेट की गहराई से पैठ बना सकती है।

  2. डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम
    सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत देशभर में इंटरनेट का विस्तार प्राथमिकता है। Starlink के आने से यह मिशन और तेजी से पूरा हो सकेगा।

  3. आपातकालीन सेवाओं के लिए लाभकारी
    प्राकृतिक आपदाओं या दूरदराज के इलाकों में आपातकालीन सेवाओं के लिए तेज इंटरनेट बेहद आवश्यक होता है। Starlink की तकनीक से ये सेवाएं प्रभावी और तेज बन सकेंगी।

  4. व्यापार और शिक्षा क्षेत्र में सुधार
    ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, डिजिटल व्यवसाय, और दूरस्थ कार्य को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।


भारत में Starlink सेवा की शुरुआत कब होगी?

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, Starlink के ट्रायल स्पेक्ट्रम आवेदन के बाद 15 से 20 दिन के भीतर परीक्षण स्पेक्ट्रम मिल जाएगा। इसके बाद Starlink भारत में अपने पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर सकती है।

ट्रायल फेज के सफल होने के बाद कंपनी भारत में पूरी तरह से अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस की औपचारिकताएं पूरी करेगी। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले महीनों में Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा भारत के कई हिस्सों में उपलब्ध हो जाएगी।


सरकार की भूमिका और पहल

भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के विजन को पूरा करने के लिए सैटेलाइट इंटरनेट जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया है। हाल ही में सरकार ने कई नियमों को सरल किया है ताकि विदेशी कंपनियां भारत में अपने डिजिटल नेटवर्क को तेजी से स्थापित कर सकें।

Starlink के लिए ट्रायल स्पेक्ट्रम में देरी न होने का आश्वासन भी इसी पहल का हिस्सा है। इससे वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियों को भारत में निवेश करने और अपनी सेवाएं बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।


चुनौतियां और संभावनाएं

जहां Starlink जैसी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के भारत में आने से बड़े फायदे हैं, वहीं कुछ चुनौतियां भी सामने हैं।

  • सैटेलाइट सेवा की कीमतें अभी कुछ हद तक महंगी हो सकती हैं।

  • भारत के कुछ हिस्सों में कड़ी जलवायु और भौगोलिक स्थितियां नेटवर्क स्थिरता पर प्रभाव डाल सकती हैं।

  • स्पेक्ट्रम आवंटन के नियमों और डेटा सुरक्षा के मुद्दों को लेकर भी सावधानी बरतनी होगी।

लेकिन, ये चुनौतियां धीरे-धीरे तकनीकी सुधार और नीतिगत बदलावों के साथ कम हो जाएंगी।


निष्कर्ष

Starlink को भारत में ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलने में अब कोई देरी नहीं होगी, जिससे यह सेवा जल्दी ही देश में शुरू हो सकेगी। Airtel और Jio जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ साझेदारी से Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा दूर-दराज के इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाने में मददगार साबित होगी। इससे भारत के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।

जल्द ही भारत के लाखों लोग, जो अभी तक इंटरनेट की सुविधा से वंचित थे, वे भी तेज और भरोसेमंद इंटरनेट का लाभ उठा सकेंगे। इससे न केवल शिक्षा और व्यवसाय में सुधार होगा, बल्कि देश की डिजिटल क्रांति को भी नई उड़ान मिलेगी।

Starlink की इस पहल का स्वागत करते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले वर्षों में भारत का डिजिटल चेहरा और भी अधिक चमकेगा।


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