मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व में राज्य सरकार के पांच मंत्रियों के बाघ देखने के तरीके को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि मंत्रियों को बाघ दिखाने के लिए वन और वन्यजीव नियमों की परवाह नहीं की गई, खासकर बाघ की घेराबंदी के लिए हाथियों का इस्तेमाल किया गया।
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल समेत पांच मंत्री बाघ देखने पन्ना टाइगर रिजर्व पहुंचे थे।
बाघ दर्शन के लिए हाथियों का इस्तेमाल
रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रियों को बाघ दिखाने के लिए पार्क अधिकारियों ने दो हाथियों का इस्तेमाल किया। आरोप है कि इन हाथियों से बाघ को एक जगह रोकने या उसकी घेराबंदी (Cornering) कराई गई, ताकि जिप्सी में सवार मंत्रियों को आसानी से बाघ के दर्शन हो सकें।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह से हाथियों द्वारा बाघ को परेशान करना या हांका (शिकारियों की तरह घेरना) देना वाइल्ड लाइफ एक्ट का सरासर उल्लंघन है। आमतौर पर, हाथियों का उपयोग केवल निगरानी या गश्त के लिए किया जाता है, न कि पर्यटकों या VIPs को आसानी से बाघ दिखाने के लिए। माना जाता है कि बाघ बड़े हाथियों का शिकार करने से बचते हैं, लेकिन उन्हें दो तरफ से घेरना बाघ के व्यवहार को प्रभावित कर सकता है।
वीडियो वायरल होने के बाद NTCA ने लिया संज्ञान
इस पूरे मामले का वीडियो बाहर आने के बाद यह विवाद तेजी से बढ़ा। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी यानी NTCA से इसकी औपचारिक शिकायत की गई। शिकायतकर्ताओं ने मामले को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि मंत्रियों की जंगल सफारी में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हुआ है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बाघ को एक जगह रोकने के लिए दो हाथियों का इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद जिप्सी में सवार पांच मंत्रियों को बाघ का दीदार करवाया गया।
NTCA ने इस गंभीर शिकायत पर तुरंत संज्ञान लिया है और पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से इस मामले में जवाब तलब किया है। हालांकि, पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारी आधिकारिक तौर पर मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने सिर्फ इतना स्वीकार किया है कि हाथियों के ज़रिए बाघ की निगरानी की जा रही थी।
कांग्रेस ने साधा निशाना
इस बाघ मामले को लेकर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा है कि:
"मंत्रियों को टाइगर स्पॉटिंग के लिए हाथियों द्वारा टाइगर को हांका जा रहा है, यह वाइल्ड लाइफ एक्ट का सरासर उल्लंघन है। मंत्रियों का बाहर तो जंगल राज चल ही रहा है, जंगल में भी अपना राज कायम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ऐसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।"
बाघ के दर्शन करने वाले मंत्री:
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प्रहलाद सिंह पटेल
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विजय शाह
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इंदर सिंह परमार
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लखन पटेल
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दिलीप अहिरवार
अब NTCA की जांच रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों पर वन्यजीव संरक्षण नियमों के उल्लंघन के लिए कोई कार्रवाई होती है या नहीं।