प्रीम कोर्ट में एक बेहद अनोखा मामला सामने आया है, जहां रेप के आरोपी युवक और शिकायत करने वाली महिला ने आपसी सहमति से शादी करने की इच्छा जाहिर की है। कोर्ट की सुनवाई के दौरान दोनों ने एक-दूसरे को फूल देकर अपने रिश्ते को स्वीकार किया और शादी के इरादे का खुलासा किया।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने 2016 से 2021 तक शादी का झांसा देकर कई बार उसका यौन शोषण किया। इस मामले में 2021 में FIR दर्ज हुई और निचली अदालत ने आरोपी को IPC की धारा 376(2) और 417 के तहत दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई।
फेसबुक से शुरू हुई दोस्ती, फिर रिश्ता
शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी की बहन उसकी दोस्त थी, जिसके कारण दोनों की फेसबुक के माध्यम से मुलाकात हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और शारीरिक संबंध भी बने। लेकिन जब शादी की बात आई, तो आरोपी ने कहा कि उसकी मां इस रिश्ते से खुश नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में बदली कहानी
जब आरोपी की हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली, तो उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने बताया कि अब दोनों शादी के लिए तैयार हैं और आरोपी की मां को भी इस रिश्ते में कोई आपत्ति नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को 15 मई को अदालत में पेश होने को कहा। सुनवाई के दौरान जस्टिस बी. वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दोनों पक्षों से बातचीत की और शादी की सहमति की पुष्टि की।
सजा निलंबित, जमानत पर निचली अदालत निर्णय लेगी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों ने आपसी सहमति से शादी करने की इच्छा जताई है, इसलिए फिलहाल आरोपी की सजा निलंबित की जा रही है। आरोपी अभी जेल भेजा जाएगा, लेकिन बाद में उसे निचली अदालत में पेश किया जाएगा, जहां जमानत पर निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि शादी की तारीख और बाकी प्रक्रिया दोनों परिवार मिलकर तय करें।
अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी
इस अनोखे मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गई है। यह मामला भारतीय न्याय व्यवस्था में एक नया उदाहरण बन सकता है कि कैसे संवेदनशील मामलों में पक्षकारों की मंशा को समझकर न्यायिक निर्णय लिए जाते हैं।