संकटग्रस्त इंडिगो (IndiGo) एयरलाइन और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के बीच उठापटक जारी है. इंडिगो संकट पर डीजीसीए जांच कमेटी और इंडिगो के सीईओ (CEO), पीटर एल्बर्स के बीच गुरुवार को एक हाई-लेवल मीटिंग हुई, जो करीब दो घंटे तक चली. इस बैठक में जांच कमेटी ने एयरलाइन के सीईओ से कंपनी के संचालन, रिफंड की प्रक्रिया, क्रू मैनेजमेंट और मुआवजे जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सीधी और कड़ी पूछताछ की.
बैठक के दौरान, एयरलाइन ने जांच कमेटी को अपने परिचालन को स्थिर करने के लिए बनाए गए नए रोस्टर प्लान, रिफंड की प्रगति, लगेज ट्रेसिंग की स्थिति और रद्द उड़ानों की बहाली से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी. मुआवजे से जुड़ी जानकारी भी इंडिगो ने कमेटी को सौंपी.
बेंगलुरु से 60 उड़ानें रद्द, संकट बरकरार
तमाम आश्वासनों और कोशिशों के बावजूद, इंडिगो को संकट से पूरी तरह से अभी भी राहत नहीं मिली है. इंडिगो ने गुरुवार को भी बेंगलुरु एयरपोर्ट से 60 उड़ानें रद्द कर दीं. यह रद्दीकरण ऐसे समय में हुआ है जब एयरलाइन ने डीजीसीए की निगरानी में गुरुवार को 1,950 से ज़्यादा उड़ानें संचालित करने की अपनी योजना का ऐलान किया था.
एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि उसे गुरुवार को 1,950 से ज़्यादा उड़ानें संचालित करने की उम्मीद है. हालांकि, रद्दीकरण की यह संख्या दिखाती है कि एयरलाइन अभी भी सामान्य परिचालन स्तर पर नहीं लौट पाई है.
सरकार ने 10% उड़ानें कम करने को कहा था
इंडिगो आमतौर पर राष्ट्रीय और घरेलू नेटवर्क पर शीतकालीन कार्यक्रम के तहत हर दिन 2,200 से ज़्यादा उड़ानें संचालित करती है. परिचालन को स्थिर करने और उड़ानों के रद्दीकरण की संख्या को कम करने में मदद करने के लिए, सरकार ने एयरलाइन को पहले ही अपनी उड़ानों की संख्या 10% तक कम करने का निर्देश दिया था. 5 दिसंबर को यह संख्या 1,600 तक पहुंच गई थी, जिसके बाद सरकार ने हस्तक्षेप किया था.
बुधवार को भी इंडिगो ने दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई सहित 3 प्रमुख एयरपोर्ट से 220 उड़ानें रद्द कर दी थीं, जिनमें से दिल्ली में सबसे अधिक 137 फ्लाइट रद्द हुई थीं.
इस संकट के बीच, इंडिगो के चेयरमैन विक्रम मेहता ने 10 दिन में पहली बार बुधवार को इस संकट के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की थी और एयरपोर्ट्स पर हुई अव्यवस्था के लिए यात्रियों से माफी मांगी थी. डीजीसीए द्वारा सीईओ को तलब किए जाने से स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और जल्द से जल्द यात्रियों को हो रही असुविधा को समाप्त करना चाहती है.