इंडिया क्यों आया था प्लेन क्रैश में जिंदा बचा इकलौता शख्स, क्या है रमेश विश्वास कुमार की कहानी?

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Posted On:Monday, June 16, 2025

अहमदाबाद में हुए ड्रीमलाइनर विमान हादसे का अकेला जिंदा बचा भारतीय यात्री रमेश विश्वास कुमार का इलाज अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में चल रहा है। कुल 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से केवल रमेश ही इस भयानक हादसे से चमत्कारिक रूप से बच पाए हैं। उनकी सीट नंबर 11A थी, जो ब्रिटेन के गैटविक एयरपोर्ट जाने वाली फ्लाइट में थी।

रमेश विश्वास कुमार कौन हैं?

रमेश की उम्र 40 साल है और वह मूल रूप से दमन-दीव के रहने वाले हैं। वे लंबे समय से अपने परिवार के साथ ब्रिटेन के लीसेस्टर में रहते हैं। उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। रमेश कपड़े के बिजनेस में लगे हैं और पहले वे टेक्सटाइल कंपनी RMV फैशन के डायरेक्टर भी थे, हालांकि यह कंपनी 2022 में बंद हो गई थी। उनका परिवार भी लीसेस्टर में रहता है, जिसमें उनकी पत्नी, बेटा, छोटे भाई नयन और मां शामिल हैं।

हादसे के दौरान की घटना

रमेश अपने बड़े भाई अजय कुमार के साथ बिजनेस के सिलसिले में भारत आए थे। हादसे के वक्त रमेश ने अपने अंकल को फोन कर बताया था कि फ्लाइट जल्द उड़ान भरने वाली है। लेकिन कुछ देर बाद हादसे की जानकारी देते हुए उन्होंने खून से लथपथ चेहरे के साथ वीडियो कॉल किया।

रमेश ने बताया कि वे इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे थे। विमान के गिरने के बाद उनकी सीट वाला हिस्सा नीचे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के ग्राउंड पर आ गिरा। गेट टूटने के बाद उन्होंने अपनी सीट बेल्ट खोली और बाहर निकलने में सफल रहे। इसके बाद उन्हें आसपास के लोगों ने घेर लिया और तुरंत एम्बुलेंस तक पहुंचाया।

इलाज की जानकारी

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के प्रोफेसर और सर्जरी प्रमुख डॉ. रजनीश पटेल ने बताया कि रमेश को गंभीर चोटें नहीं आई हैं। उनकी हालत स्थिर है और उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, वे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी पा सकते हैं।

सोशल मीडिया पर 'एंजेल नंबर' का चर्चित कनेक्शन

रमेश की सीट नंबर 11A सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। कई लोग इसे ‘एंजेल नंबर’ के रूप में देख रहे हैं। न्यूमेरोलॉजी में 111 को शुभ माना जाता है, और इसमें ‘A’ अक्षर भी शामिल होने से इसे विशेष भाग्यशाली माना जा रहा है।


निष्कर्ष:
रमेश विश्वास कुमार की कहानी उस विमान हादसे की सबसे बड़ी उम्मीद है। उनके जिंदा बचने को एक चमत्कार माना जा रहा है, जो परिवार और देशवासियों के लिए सांत्वना का विषय बना है। जल्द ही वे स्वस्थ होकर अपने परिवार के पास लौटने की उम्मीद है।


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