बांग्लादेश ने अडाणी पावर के साथ अपनी पुरानी आर्थिक और भुगतान संबंधी दिक्कतों को सुलझा लिया है, जो दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को नई दिशा देने वाला कदम है। जून 2025 में बांग्लादेश ने अडाणी पावर को सबसे बड़ा भुगतान किया, जिसकी रकम 437 मिलियन डॉलर (लगभग 3600 करोड़ रुपये) थी। इस भुगतान से न केवल पिछला बकाया साफ हुआ बल्कि ब्याज भी चुका दिया गया। इससे अडाणी पावर अब बांग्लादेश की बढ़ती बिजली जरूरतों को पूरा करने वाला एक भरोसेमंद और सस्ता स्रोत बन गया है।
समय पर पेमेंट की शुरुआत
पहले बांग्लादेश अडाणी पावर को समय पर भुगतान करने में असमर्थ था, जिससे बिजली सप्लाई प्रभावित होती रही। लेकिन अब हाल ही में दो महीने के बिजली बिल के बराबर लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) और सभी बकाया राशि के लिए गारंटी देने जैसे कदम उठाए गए हैं। पिछले तीन-चार महीनों में बांग्लादेश ने हर महीने करीब 90-100 मिलियन डॉलर (750-850 करोड़ रुपये) का भुगतान करना शुरू किया था। इसके बाद जून 2025 में एकमुश्त 437 मिलियन डॉलर का भुगतान करके सारी देनदारी पूरी कर दी गई।
बिजली सप्लाई फिर से शुरू
बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) ने अडाणी पावर की दोनों यूनिटों से बिजली सप्लाई शुरू करने का आदेश दिया है। अब बांग्लादेश को अपनी पूरी बिजली जरूरतें इस कंपनी से मिलने की उम्मीद है। झारखंड के गोड्डा में अडाणी का 1600 मेगावाट का प्लांट बांग्लादेश की कुल बिजली मांग का लगभग 10% हिस्सा पूरा करता है। BPDB के आंकड़ों के मुताबिक, अडाणी की बिजली सबसे सस्ती और भरोसेमंद है, इसलिए देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो रही है।
क्यों थी परेशानी?
अडाणी पावर के साथ बांग्लादेश के आर्थिक रिश्ते में अड़चनें 2017 के करार के बाद सामने आईं। 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध और बांग्लादेश की आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल के कारण देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई और विदेशी मुद्रा की कमी हो गई। इसके चलते विदेशी निवेशकों को भुगतान में देरी हुई। नवंबर 2024 में अडाणी ने बिजली सप्लाई आधी कर दी थी। मार्च 2025 से बांग्लादेश ने बकाया चुकाना शुरू किया, जिससे सप्लाई फिर से पूरी हो गई। जुलाई 2024 से नियमित भुगतान शुरू हुआ और अब दोनों पक्षों के बीच भुगतान से जुड़ी सारी समस्याएं खत्म हो चुकी हैं।
क्रेडिट रेटिंग में सुधार
बांग्लादेश सरकार ने 2017 के करार की समीक्षा की, लेकिन उसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। इसके बाद अडाणी की सहायक कंपनी को मेन कंपनी में मिला दिया गया, जिससे कामकाज और वित्तीय प्रबंधन बेहतर हुआ। अब बैंकों द्वारा अडाणी पावर की क्रेडिट रेटिंग को AA से बढ़ाकर AA+ करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे कंपनी को कर्ज लेना सस्ता और आसान हो जाएगा।
25 साल का करार और ऊर्जा सहयोग
2017 में अडाणी का गोड्डा प्लांट 25 साल के लिए बांग्लादेश को 100% कोयला आधारित बिजली सप्लाई करने के लिए तैयार किया गया था। पहले पेमेंट की समस्याओं के कारण सप्लाई आधी हुई थी, लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया है। यह प्लांट बांग्लादेश की पावर ग्रिड में मजबूती से जुड़ गया है और देश के ऊर्जा क्षेत्र में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।
बांग्लादेश की आर्थिक चुनौतियां
बांग्लादेश को बिजली, कोयला और तेल जैसे आवश्यक संसाधनों के लिए डॉलर की सख्त जरूरत थी। लेकिन 2024 में देश में छात्रों के प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता के कारण विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट गया। अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार हटने के बाद नई अंतरिम सरकार ने IMF से अतिरिक्त 3 अरब डॉलर का कर्ज मांगा, जो पहले से लिए गए 4.7 अरब डॉलर के पैकेज के अलावा था। इससे ग्रामीण इलाकों में बिजली की कमी और बढ़ गई थी।
अन्य भारतीय कंपनियों की भूमिका
अडाणी पावर के अलावा, भारत की अन्य प्रमुख सरकारी कंपनियां जैसे NTPC लिमिटेड और PTC इंडिया लिमिटेड भी बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करती हैं। शेख हसीना के शासनकाल में दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में कई समझौते हुए, जो भारत-बांग्लादेश के ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने में सहायक रहे।
निष्कर्ष
बांग्लादेश द्वारा अडाणी पावर को भारी भुगतान करके पुराने बकाया चुकाने और भुगतान को नियमित करने का कदम दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह न केवल बांग्लादेश के ऊर्जा संकट को कम करेगा बल्कि भारत की ऊर्जा कंपनियों के लिए भी अवसरों का सृजन करेगा। साथ ही, अडाणी पावर की बेहतर क्रेडिट रेटिंग और भुगतान की गारंटी से कंपनी को भविष्य में और भी बड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश करने में मदद मिलेगी। इस तरह, भारत-बांग्लादेश के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों में मजबूती आएगी और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।