ईरान और इजरायल के बीच युद्ध अब अपने 11वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस जंग में हालिया तनाव तब और बढ़ गया जब अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमले किए। इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बयानबाजी में भी विरोधाभास नजर आया। ट्रंप, जो अक्सर अपने बयानों में उलटफेर करते रहे हैं, इस बार भी उनकी बातें पहले के विपरीत दिख रही हैं। पहले वह कह रहे थे कि उनका ईरान में सरकार बदलवाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अब उन्होंने खुलेआम ईरान में सत्ता परिवर्तन की संभावना पर सवाल उठाया है।
ट्रंप की इस नई सोच और रणनीति को लेकर एक नया शब्द भी सामने आया है — MIGA, जिसका पूरा नाम "Make Iran Great Again" है। यह ट्रंप के पहले कार्यकाल के नारे MAGA (Make America Great Again) की तर्ज पर रखा गया है, जिसमें ईरान को फिर से महान बनाने की बात कही गई है, लेकिन इस बार वहां सत्ता परिवर्तन के माध्यम से।
ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया जिसमें उन्होंने लिखा, "शासन परिवर्तन" शब्द का इस्तेमाल राजनीतिक रूप से सही नहीं हो सकता, लेकिन अगर वर्तमान ईरानी शासन देश को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होना चाहिए? ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे ईरान में मौजूदा तानाशाह सरकार को हटाकर वहां एक नया लोकतांत्रिक या पश्चिम समर्थक शासन चाहते हैं।
MIGA का अर्थ और मकसद
MIGA यानी "Make Iran Great Again" ट्रंप का नया नारा है, जिसमें वे ईरान में वर्तमान सत्ता को बदलकर एक ऐसी सरकार बनाने की बात कर रहे हैं जो पश्चिम समर्थक हो और लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनाए। यह एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिसमें ट्रंप ईरान के मौजूदा कठोर और कठोरवादी शासन की जगह परिवर्तन लाना चाहते हैं।
इस सोच के पीछे का मकसद यह भी है कि ईरान के भीतर व्यापक राजनीतिक और सामाजिक सुधार हो, ताकि वहां के लोग अपनी आवाज़ बुलंद कर सकें, सोच-समझकर अपने हितों के लिए आंदोलन कर सकें।
क्यों जरूरी है ईरान में सरकार बदलना?
ट्रंप की नजर में, ईरान की मौजूदा सरकार तानाशाही है जो न केवल अपने लोगों की आज़ादी दबाती है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए भी खतरा है। ईरान हिज्बुल्लाह, हौथी विद्रोहियों और हमास जैसे आतंकी समूहों का समर्थन करता है, जो मध्य पूर्व में तनाव का बड़ा कारण हैं।
ट्रंप को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि कहीं ईरान परमाणु शक्ति संपन्न राज्य (न्यूक्लियर स्टेट) न बन जाए, जो क्षेत्रीय संतुलन को पूरी तरह बदल सकता है। इसीलिए वे चाहते हैं कि ईरान में सत्ता परिवर्तन हो और वहां एक ऐसी सरकार बने जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बेहतर संबंध बनाए।
क्या ईरान में सरकार बदलना संभव है?
हालांकि, यह कार्य आसान नहीं है। ईरान की सरकार और राजनीतिक व्यवस्था जटिल और गहरी है। वहां की जनता को पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिली है, और सरकार की पकड़ काफी मजबूत है। राजनीतिक विरोध और सत्ता में परिवर्तन का रास्ता कठिन है, खासकर तब जब देश के अंदरूनी और बाहरी शक्तियों के बीच गहरा संघर्ष हो।
ईरान की विदेश नीति भी कई देशों से अलग है, जो उसकी अलग-अलग रणनीतियों और गठबंधनों को दर्शाती है। इसका मतलब यह है कि अमेरिका या किसी अन्य देश के लिए ईरान में सीधे तौर पर शासन परिवर्तन लाना आसान नहीं होगा।
ट्रंप की रणनीति का संभावित प्रभाव
ट्रंप की इस नई रणनीति से क्षेत्रीय राजनीति में भारी बदलाव आ सकता है। अगर सत्ता परिवर्तन होता है तो इससे न केवल ईरान के लोगों को राजनीतिक आज़ादी मिलेगी, बल्कि यह मध्य पूर्व के कई संघर्षों का समाधान भी कर सकता है।
दूसरी ओर, अगर सत्ता परिवर्तन का प्रयास असफल रहा, तो इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है, जो वैश्विक शांति और आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा होगा। तेल के निर्यात के मार्ग प्रभावित हो सकते हैं, और वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
निष्कर्ष
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की रणनीति में बदलाव और ‘MIGA’ के तहत ईरान में शासन परिवर्तन की इच्छा ने इस क्षेत्रीय विवाद को और भी जटिल बना दिया है। ट्रंप के इस नए रुख से यह संकेत मिलता है कि वे सिर्फ युद्ध या सैन्य हमले तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि वे ईरान के राजनीतिक ढांचे में भी गहरा बदलाव चाहते हैं।
फिर भी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह प्रयास कितना सफल होगा और क्या यह क्षेत्र में स्थिरता लाने में मदद करेगा या फिर नए संघर्षों को जन्म देगा। मध्य पूर्व की जटिलताओं और वैश्विक शक्तियों की राजनीति के बीच, ईरान का भविष्य एक बड़ा सवाल बना हुआ है, जिसका जवाब आने वाले समय में ही मिलेगा।