वाशिंगटन में चल रहे यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) लीडरशिप समिट का राजनीतिक और सामाजिक महत्व बहुत बड़ा है। इस शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई प्रतिष्ठित भारतीय मूल के उद्योगपतियों और नेताओं ने हिस्सा लिया है। IBM के सीईओ अरविंद कृष्णा, आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला जैसे नामी लोग इस मंच पर मौजूद हैं और उन्हें ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण समिट के दौरान अमेरिका की उपराष्ट्रपति और द्वितीय महिला जेडी वेंस की पत्नी, भारतीय मूल की उषा वेंस ने भी मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने खास अनुभव साझा किए, जो चर्चा का विषय बने हुए हैं। आइए, जानते हैं कि उषा वेंस कौन हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में क्या कहा।
उषा वेंस: भारतीय मूल की अमेरिकन वकील और शख्सियत
उषा वेंस का जन्म 6 जनवरी 1986 को सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में हुआ था। उनके माता-पिता, लक्ष्मी और राधाकृष्ण, आंध्र प्रदेश के निवासी हैं, जिन्होंने कई साल पहले अमेरिका में बेहतर अवसरों की तलाश में आकर बसना चुना था। उषा ने अपने जीवन में भारत से जुड़ाव बनाए रखा है और अपने बच्चों के साथ भारत की कई यात्राएं कर चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने आधिकारिक दौरे पर भारत का भी भ्रमण किया था, जिसके अनुभव उन्होंने USISPF में साझा किए।
उषा पेशे से वकील हैं। उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, इसके बाद येल लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों—चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स, जस्टिस ब्रेट कैवनॉग और जस्टिस अमूल थापर के साथ क्लर्क के रूप में काम किया है। इसके अलावा, उन्होंने प्रमुख लॉ फर्म मुंगेर, टोल्स एंड ओल्सन एलएलपी में सिविल लिटिगेशन के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ उषा वेंस के अनुभव
USISPF के मंच से उषा वेंस ने साझा किया कि भारतीय समुदाय में उन्हें बहुत अपनापन मिलता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में जब वे अपने बच्चों के साथ प्रधानमंत्री मोदी के सरकारी आवास पर गईं, तो उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उनके बच्चे पीएम की सफेद दाढ़ी और बाल देखकर उन्हें अपने नाना जैसा समझने लगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को बहुत प्यार और लाड़-दुलार दिया। खास बात यह है कि उन्होंने उनके बेटे को जन्मदिन पर एक उपहार भी दिया, जिससे उनका बेटा पीएम मोदी को हमेशा याद रखेगा। यह न केवल एक व्यक्तिगत अनुभव था, बल्कि भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व के बीच एक गहरे पारिवारिक और सांस्कृतिक संबंध का भी उदाहरण था।
USISPF का यह आठवां संस्करण है, जो भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
उषा वेंस का पारिवारिक और सामाजिक जीवन
उषा वेंस ने साल 2014 में भारतीय हिंदू रीति-रिवाज से जेडी वेंस से शादी की, जो अमेरिका के एक चर्चित राजनीतिज्ञ हैं। उनके तीन बच्चे हैं: इवान, विवेक और मीराबेल। उषा राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन वे अक्सर अपने पति के समर्थन में बयान देती हैं और अमेरिकी समाज में भारतीय मूल की महिलाओं के लिए रोल मॉडल मानी जाती हैं।
उषा ने येल लॉ जर्नल की कार्यकारी विकास संपादक और येल जर्नल ऑफ लॉ एंड टेक्नोलॉजी की प्रबंध संपादक के रूप में भी काम किया है। उनकी कानूनी विशेषज्ञता और सामाजिक प्रतिबद्धता उन्हें अमेरिकी और भारतीय समुदायों में सम्मानित व्यक्तित्व बनाती है।
USISPF लीडरशिप समिट का महत्व
USISPF लीडरशिप समिट, अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस समिट में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख भारतीय और अमेरिकी उद्योगपतियों, राजनेताओं और विशेषज्ञों की भागीदारी होती है। इस साल के समिट में आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा और आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला जैसे नाम शामिल हैं, जिन्हें उनके योगदान के लिए ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
उषा वेंस का इस मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करना इस बात का प्रतीक है कि भारत और अमेरिका के बीच न केवल औपचारिक कूटनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं, बल्कि उनके बीच मानवीय और सांस्कृतिक रिश्ते भी गहरे हो रहे हैं।
निष्कर्ष
उषा वेंस एक भारतीय मूल की अमेरिकी वकील हैं, जिन्होंने अपने जीवन और करियर के जरिए दो देशों के बीच सेतु का काम किया है। उनका भारत से जुड़ाव, अमेरिकी राजनीति और समाज में उनकी सक्रिय भूमिका, और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके निजी अनुभव, सभी इस बात को दर्शाते हैं कि भारत और अमेरिका की साझेदारी सिर्फ राजनयिक स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी मजबूत हो रही है।
USISPF लीडरशिप समिट में उनकी उपस्थिति और योगदान इस द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक सकारात्मक संदेश है, जो आने वाले समय में दोनों देशों के बीच और गहरे सहयोग की उम्मीद जगाता है।