अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को घोषणा की कि जनवरी 2025 से अब तक 85,000 वीजा रद्द किए गए हैं। इस कार्रवाई का मुख्य कारण इमिग्रेशन नियमों को और कड़ा करना और ऐसे लोगों को पहचानना बताया गया है जो अमेरिकी नागरिकों के लिए खतरा हैं। विदेश विभाग के अनुसार, ये रद्द किए गए वीजा उन लोगों के हैं जो हमले, चोरी या अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
सोशल मीडिया पर घोषणा
विदेश विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। पोस्ट में लिखा गया:“जनवरी से अब तक 85,000 वीजा रद्द किए गए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो फिलहाल इसे बंद करने वाले नहीं हैं, यह कार्रवाई जारी रहेगी।” पोस्ट के साथ डोनाल्ड ट्रंप की फोटो भी शेयर की गई, जिसमें वह ‘Make America Safe Again’ स्लोगन के साथ नजर आ रहे हैं। यह संकेत है कि वीजा रद्द करने की यह कार्रवाई सुरक्षा एजेंडे का केंद्र बिंदु है।
कौन-कौन से वीजा रद्द किए गए?
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार:
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8,000 से अधिक स्टूडेंट वीजा रद्द किए गए।
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पिछले साल की तुलना में इस साल वीजा रद्द करने की संख्या दुगनी रही।
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अधिकांश वीजा ड्राइविंग अंडर इन्फ्लूएंस, चोरी और हमले जैसी घटनाओं में शामिल लोगों के लिए रद्द किए गए।
विदेश विभाग ने कहा कि ऐसे लोग अमेरिका के लिए सीधा खतरा बन सकते हैं।
वीजा रद्द करने के और कारण
85,000 वीजा रद्द होने के पीछे कई अन्य कारण भी हैं, जिनका ट्रंप प्रशासन पहले उल्लेख कर चुका है:
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वीजा अवधि से ज्यादा समय तक अमेरिका में रहना
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आपराधिक गतिविधियों में शामिल होना
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आतंकवाद का समर्थन करना
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विशेषकर छात्र, जो गाजा मुद्दे पर प्रदर्शन में शामिल हैं या जिन पर यहूदी विरोधी या चरमपंथी समूहों का समर्थन करने का आरोप है
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन के सुरक्षा-केंद्रित इमिग्रेशन नीति का हिस्सा है।
H1-B और H-4 वीजा प्रभावित
भारत के लिए भी यह कार्रवाई असर डाल रही है:
इसके साथ ही, H1-B और H-4 वीजा के लिए नए नियम लागू किए गए हैं:
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अब हर आवेदक का सोशल मीडिया प्रोफाइल (Facebook, Instagram, Twitter, LinkedIn, Snapchat) जांचा जाएगा।
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यह प्रक्रिया 15 दिसंबर से लागू होगी।
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सोशल मीडिया चेक की वजह से कई आवेदकों की अपॉइंटमेंट डेट 3-4 महीने आगे बढ़ा दी गई है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम ट्रंप प्रशासन की सुरक्षा-प्रधान नीति को दर्शाता है। अमेरिकी सरकार का मकसद है कि अमेरिका में आने वाले सभी लोग, चाहे छात्र हों या पेशेवर, किसी भी आपराधिक या आतंकवादी गतिविधि में शामिल न हों। हालांकि, आलोचक कहते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में वीजा रद्द करने से विदेशी छात्रों और पेशेवरों की योजना प्रभावित हो सकती है और इससे अमेरिका में रोजगार और शिक्षा के अवसर भी प्रभावित होंगे।