जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। भारत सरकार ने इस आतंकी घटना के विरोध में कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता सस्पेंड कर दिया है और पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिए हैं। इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला है।
रविवार को महाराष्ट्र के परभणी में एक कार्यक्रम के दौरान ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा परमाणु शक्ति होने की डींग मारता है, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि जब किसी देश में घुसकर निर्दोष लोगों को मारा जाएगा, तो वह देश चुप नहीं बैठेगा। ओवैसी ने दो टूक शब्दों में कहा कि चाहे भारत में कोई भी सरकार हो, अगर हमारी जमीन पर हमारे नागरिकों की हत्या होती है और धर्म के आधार पर उन्हें निशाना बनाया जाता है, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ओवैसी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, "आप किस 'दीन' की बात करते हैं जब निर्दोषों का खून बहाते हैं? धर्म के नाम पर कत्ल करना, किसी भी मजहब की तालीम नहीं हो सकती।"
ओवैसी ने पाकिस्तान की तुलना आईएसआईएस से की
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में पाकिस्तान की तुलना खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस से करते हुए कहा, "तुमने आईएसआईएस की तरह काम किया है। निर्दोष लोगों को उनके धर्म के आधार पर मारना वही मानसिकता दिखाता है जो आईएसआईएस की होती है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि अगर कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, तो कश्मीर के लोग भी हमारे अभिन्न अंग हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें कश्मीरियों पर शक नहीं करना चाहिए बल्कि उनका विश्वास जीतना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला एकता और समझदारी से किया जाना चाहिए, न कि किसी समुदाय को निशाना बनाकर।
पहलगाम आतंकी हमला: 26 निर्दोषों की गई जान
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी क्षेत्र में आतंकवादियों ने भयंकर हमला किया था। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा, फिर निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने बड़े स्तर पर आतंकियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। सेना और सुरक्षाबलों ने कई आतंकियों का सफाया कर दिया है और शेष बचे आतंकियों की तलाश तेज कर दी गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति "जीरो टॉलरेंस" की रहेगी।
भारत का पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। सबसे बड़ा फैसला सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का रहा है, जो 1960 में दोनों देशों के बीच हुआ था। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा भी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देना बंद नहीं करता, तब तक सामान्य रिश्ते संभव नहीं हैं।
इस बीच देश भर में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक नेताओं तक सभी ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब वह किसी भी आतंकी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा। ओवैसी जैसे विपक्षी नेताओं का भी पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर बोलना यह दर्शाता है कि इस मुद्दे पर देश एकमत है। आने वाले दिनों में भारत की कूटनीतिक और सैन्य रणनीति पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।