रांची न्यूज डेस्क: रांची के बेड़ो इलाके में महादानी मंदिर के पास की जमीन को लेकर विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जब पुलिस थाने पर हमला कर दिया गया। इस पूरे मामले को लेकर झारखंड पुलिस अब गंभीर जांच में जुट गई है। पुलिस को शुरुआती जांच में ऐसे सुराग मिले हैं, जिससे ये संदेह गहराता जा रहा है कि झारखंड को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है, और इसके पीछे सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि राज्य से बाहर के लोगों का भी हाथ है।
हंगामा उस वक्त शुरू हुआ जब आदिवासी समाज के कुछ लोग मंदिर के पास खाली पड़ी जमीन पर कब्जा करने पहुंचे और मार्किंग का काम शुरू किया। लोगों का कहना है कि उनके घरों के सामने से जमीन की नापी की जा रही थी, जिससे रास्ता बंद हो सकता था। मौके पर मौजूद प्रशासनिक टीम ने विवाद को शांत कराया और लोगों को 24 घंटे के भीतर कब्जा हटाने का नोटिस भी दिया। लेकिन जब जमीन हटाई जा रही थी, तो स्थानीय लोगों ने विरोध करते हुए कहा कि उन्हें न कोई जानकारी दी गई थी, न ही किसी अधिकारी की मौजूदगी में ये काम हो रहा था।
मंदिर के सचिव और पुजारी ने बताया कि उन्हें पहले यही लगता था कि वह जमीन मंदिर की है, लेकिन हाल ही में जानकारी मिली कि यह जमीन सरना समाज की है। इस जमीन पर दावा करने आए लोगों में से अधिकतर स्थानीय नहीं थे। आदिवासी समाज की तरफ से कहा गया कि उन्होंने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए यह कदम उठाया है, लेकिन थाने पर हमला करना गलत है। पुलिस ने इस मामले में 25 लोगों को नामजद और 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
बेड़ो डीएसपी अशोक राम के अनुसार, जिन लोगों ने घटना को अंजाम दिया, उनमें से कई का संबंध झारखंड से बाहर जैसे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश से है। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने स्थानीय आदिवासी समाज को उकसाया और माहौल को हिंसक बनाया। घेराबंदी के दौरान भड़काऊ भाषण दिए गए, जो कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन गए। फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है और प्रशासन इसे गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठाने की तैयारी में है।