रांची न्यूज डेस्क: रांची के सिरमटोली में बन रहे फ्लाईओवर रैंप को लेकर आदिवासी समाज में जबरदस्त आक्रोश है। जिस जगह निर्माण कार्य हो रहा है, वहीं सरना स्थल स्थित है, जो आदिवासी समाज के लिए आस्था का केंद्र है। इस मुद्दे को लेकर आदिवासी संगठनों ने शनिवार को रांची बंद का आह्वान किया है। विधानसभा सत्र के दौरान भी इस मसले पर पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बीजेपी पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया, जबकि गढ़वा से बीजेपी विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने दावा किया कि आदिवासी समाज का अब हेमंत सरकार से भरोसा उठने लगा है।
आदिवासी समुदाय की मांग है कि फ्लाईओवर रैंप का निर्माण तत्काल रोका जाए, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया है। सरहुल पर्व भी नजदीक है, जिसमें सिरमटोली सरना स्थल पर शोभायात्रा निकालने की परंपरा है। ऐसे में समुदाय चाहता है कि उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए और निर्माण कार्य को लेकर जल्द समाधान निकाला जाए।
इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। सदन में बयानबाजी के दौरान कृषि मंत्री ने बीजेपी पर आदिवासी समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही समुदाय के प्रतिनिधियों से मिल चुके हैं और जरूरी दिशा-निर्देश दे चुके हैं, फिर भी रांची बंद बुलाया जाना राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। दूसरी ओर, बीजेपी विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि खुद को आदिवासियों की हितैषी बताने वाली सरकार के खिलाफ अब आदिवासी ही सड़कों पर उतर रहे हैं, जिससे साफ है कि सरकार में भरोसा कम हो रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में आश्वासन दिया कि सरकार इस मसले पर गंभीर है और जल्द ही उचित फैसला लिया जाएगा। उन्होंने आदिवासी समाज से अपील की कि वे सरहुल पर्व को खुशी-खुशी मनाएं और चिंता न करें। वहीं, कांग्रेस विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि सरकार और आदिवासी समाज के बीच संतुलन बनाए रखते हुए बीच का रास्ता निकाला जाएगा, ताकि किसी की धार्मिक आस्था को ठेस न पहुंचे और विकास कार्य भी प्रभावित न हो।