रांची न्यूज डेस्क: रांची में सरहुल पर्व को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। बुधवार को केंद्रीय सरना समिति और केंद्रीय सरना संघर्ष समिति ने इसको लेकर अलग-अलग बैठकें कीं। केंद्रीय सरना समिति (फूलचंद तिर्की गुट) की बैठक कचहरी स्थित कार्यालय में हुई, जहां अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरहुल आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व है। इस साल 31 मार्च को उपवास रखा जाएगा और एक अप्रैल को पारंपरिक पूजा के बाद भव्य सरहुल शोभायात्रा निकाली जाएगी। फूलचंद तिर्की ने सभी से सरहुल के दिन अपने घरों में सरना झंडा लगाने की अपील की।
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने बताया कि सरहुल शोभायात्रा में लोग पारंपरिक परिधानों में शामिल हों और ढोल, नगाड़ा और मांदर के साथ अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि शोभायात्रा को पूरी तरह पारंपरिक स्वरूप में निकाला जाएगा। इस बैठक में सत्यनारायण लकड़ा, भुनेश्वर लोहार, विमल कच्छप, विनय उरांव समेत कई सदस्य मौजूद रहे।
वहीं, केंद्रीय सरना संघर्ष समिति की बैठक कांके रोड स्थित कार्यालय में हुई, जिसमें सरहुल पर्व की तैयारियों पर चर्चा की गई। समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि 30 मार्च को उपवास रखा जाएगा और नदी-तालाब से मछली-केकड़ा पकड़ने की परंपरा निभाई जाएगी। उसी रात घड़ा में जल रखाई की रस्म होगी। 31 मार्च को पूजा का आयोजन होगा और एक अप्रैल को भव्य सरहुल शोभायात्रा निकाली जाएगी।
शिवा कच्छप ने सरना धर्मावलंबियों से अपील की कि पूजा के दिन अपने घरों में सरना झंडा जरूर लगाएं। इस बैठक में सती तिर्की, संगीता गाड़ी, अनिता उरांव, भानु उरांव, कुईली उरांव, बसंती कुजूर, पार्वती टोप्पो और शोभा तिर्की सहित कई सदस्य उपस्थित रहे। सरहुल को लेकर पूरे समुदाय में उत्साह का माहौल है और तैयारियां जोरों पर हैं।