रांची न्यूज डेस्क: झारखंड में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या और रांची में दिनदहाड़े गोलीबारी जैसी घटनाओं ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए माना कि राज्य की जेलों से भी अपराध संचालित किए जा रहे हैं। इसी को रोकने के लिए पुलिस ने सिमडेगा और हजारीबाग जेल में छापेमारी की है।
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि रांची गोलीकांड में शामिल सभी अपराधियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं, हजारीबाग में एनटीपीसी डीजीएम की हत्या का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, इसलिए मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। पुलिस हर एंगल से छानबीन कर रही है ताकि इस अपराध की गहराई तक पहुंचा जा सके।
उन्होंने आगे बताया कि अमन साव गिरोह के 30 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। झारखंड में हो रहे ज्यादातर संगठित अपराध जेलों से ही संचालित हो रहे हैं। विकास तिवारी, अमन श्रीवास्तव और अमन साव के गैंग इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं। पुलिस ने इन गिरोहों पर शिकंजा कसने के लिए विशेष अभियान छेड़ दिया है और जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।