रांची न्यूज डेस्क: रांची के सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर आदिवासी संगठन तीन गुटों में बंट गए हैं, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। विरोध कर रहे संगठनों को पूर्व वित्त मंत्री और विधायक रामेश्वर उरांव का भी समर्थन मिल गया है। रविवार को केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली में सभी आदिवासी संगठनों की बैठक हुई, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार की गई। बैठक में फैसला हुआ कि 17 अप्रैल को राज्यभर में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जाएगा और 81 विधायकों की शव यात्रा निकाली जाएगी। इसके अलावा, 21 मार्च को मशाल जुलूस निकलेगा और 22 मार्च को रांची बंद रखा जाएगा।
बैठक का नेतृत्व राहुल तिर्की, निरंजना हेरेंज, कुंदरसी मुंडा और पवन तिर्की ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे आदिवासी नेता अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे आदिवासी समाज में नाराजगी बढ़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आदिवासी समाज खुद फ्लाईओवर रैंप को तोड़ देगा। बैठक में बबलू मुंडा, रवि मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, लक्ष्मीनारायण मुंडा, आकाश तिर्की, विजय तिर्की, संगीता कच्छप, अजय टोप्पो, अनिल कुमार भगत, जागरे उरांव, अरविंद हंस, विजय उरांव और सुशील कच्छप समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।
बैठक में यह भी तय किया गया कि रांची डीसी द्वारा शोभायात्रा की तैयारी को लेकर बुलाई गई शांति समिति की बैठक का सरना समाज बहिष्कार करेगा। सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने ऐलान किया कि सरहुल शोभायात्रा के दौरान आदिवासी समाज काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करेगा। आदिवासी संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।