रांची न्यूज डेस्क: केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली में मंगलवार को संयुक्त आदिवासी संगठनों की अहम बैठक हुई, जिसमें सरना स्थल के पास बने फ्लाईओवर के रैंप को हटाने को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार की अनदेखी के खिलाफ 21 मार्च को 30 आदिवासी विधायकों की शवयात्रा निकाली जाएगी और मशाल जुलूस निकाला जाएगा। इसके अलावा, 22 मार्च को झारखंड बंद का आह्वान किया गया है। आंदोलनकारियों ने साफ किया कि अगर इसके बावजूद सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आदिवासी संगठन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे।
इस आंदोलन की अगुवाई कुंदरसी मुंडा, पवन तिर्की और निरंजना हेरेंज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने सरकार को 10 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया था कि फ्लाईओवर के रैंप को हटाया जाए, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इसी को लेकर अब राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया गया है। आदिवासी संगठनों ने यह भी ऐलान किया है कि रांची उपायुक्त द्वारा सरहुल शोभायात्रा की तैयारी को लेकर बुलाई जाने वाली शांति बैठक का सरना समाज विरोध करेगा और उसमें शामिल नहीं होगा।
इस बैठक की अध्यक्षता जगलाल पाहन ने की, जबकि संचालन पवन तिर्की ने किया। बैठक में राहुल तिर्की, सोनू खलखो, बबलू मुंडा, रवि मुंडा, बलकू उरांव, गुलाब चंद बाड़ा, आकाश तिर्की, विजय तिर्की, भीम उरांव, संगीता तिर्की और अन्य आदिवासी नेता मौजूद थे। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि सरना स्थल के पास से फ्लाईओवर रैंप हटाने की मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।