मुंबई, 23 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। रविवार सुबह भारतीय समयानुसार 4 बजकर 10 मिनट पर अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमला किया। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ नाम दिया गया। हमले में अमेरिका ने सात बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों की मदद से फोर्डो, नतांज और इस्फहान में स्थित परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। फोर्डो और नतांज में 30 हजार पाउंड वजनी एक दर्जन से ज्यादा बंकर बस्टर बम गिराए गए, जबकि इस्फहान और नतांज में 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भी दागी गईं जो 400 मील दूर समुद्र में तैनात पनडुब्बियों से छोड़ी गई थीं। इस ऑपरेशन के लिए अमेरिका ने कुल 75 सटीक निशाना लगाने वाले हथियारों का उपयोग किया और 125 एयरक्राफ्ट इस अभियान का हिस्सा बने, जिनमें फाइटर जेट, टैंकर और स्टील्थ विमान शामिल थे। यह हमला इतने गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया कि ईरान की वायु सुरक्षा प्रणाली को इसकी भनक तक नहीं लगी। किसी भी रडार या मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने अमेरिकी विमानों को ट्रैक नहीं किया। यह पूरी रणनीति दो वर्षों से तैयार की जा रही थी। अमेरिका ने बहुत ही चतुराई से अपने कुछ बॉम्बर्स को पश्चिमी दिशा में भेजा जिससे यह भ्रम पैदा हुआ कि कोई सैन्य अभ्यास हो रहा है। वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दो दिन पहले बयान दिया था कि युद्ध पर कोई निर्णय दो सप्ताह में लिया जाएगा, जिससे ईरान को और भ्रम हुआ। असली हमला मिसौरी के व्हाइट-मैन एयरफोर्स बेस से किया गया, जिससे ईरान को पूरी तरह चौंका दिया गया।
बी-2 बॉम्बर विमान ने हमले से पहले 37 घंटे तक लगातार उड़ान भरी। इस दौरान हवा में ही कई बार ईंधन भरा गया। यह पहला मौका था जब अमेरिका ने इतने भारी बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया। इन बमों का वजन 14 हजार किलो होता है और ये खासतौर पर भूमिगत ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाए गए हैं। हमले से पहले इजराइल ने नौ दिनों तक ईरान के सैन्य ढांचे को कमजोर किया था। 21 जून की रात भी इजराइल ने ईरान पर कई हमले किए जिससे ईरान पूरी तरह व्यस्त हो गया और अमेरिका को हमला करने का उपयुक्त समय मिल गया। अमेरिका और इजराइल के बीच इस पूरे अभियान में गहरा सामंजस्य देखने को मिला, हालांकि सार्वजनिक रूप से अमेरिका ने खुद को इजराइल से अलग रखने का संकेत दिया था। इस ऑपरेशन में पहली बार एक महिला पायलट भी बी-2 बॉम्बर उड़ाने वाली टीम का हिस्सा बनीं। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हगसेथ ने इसे 9/11 के बाद सबसे बड़ा और सबसे लंबा बी-2 मिशन बताया है।