25 जुलाई 2025 को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच उपजा सीमा विवाद तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए थाईलैंड में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया है कि थाईलैंड के 7 राज्यों में न जाएं, क्योंकि वहां हालात बेहद अस्थिर और जानलेवा हो सकते हैं। ये चेतावनी ऐसे समय पर जारी की गई है, जब दोनों देशों के बीच हिंसक झड़पें हो चुकी हैं और जंग जैसे हालात बनते जा रहे हैं।
किन राज्यों में यात्रा से बचने की सलाह?
भारतीय दूतावास ने थाईलैंड पर्यटन प्राधिकरण (TAT) की ओर से जारी की गई एडवाइजरी को साझा करते हुए जिन राज्यों में न जाने की सख्त हिदायत दी है, वे हैं:
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उबोन रत्चथानी
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सुरिन
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सिसाकेट
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बुरीराम
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सा काओ
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चन्थाबुरी
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ट्रैट
इन सातों राज्यों में 20 से अधिक ऐसी जगहें हैं, जो आम तौर पर भारतीय पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं, खासकर क्योंकि यहां कई प्राचीन हिंदू मंदिर स्थित हैं। लेकिन वर्तमान हालात में ये मंदिर ही विवाद की जड़ बने हुए हैं, और इनके कारण इन क्षेत्रों में जाना अब खतरे से खाली नहीं है।
विवाद की जड़ क्या है?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराना विवाद प्रीह विहार मंदिर और ता मुएन थॉम मंदिर को लेकर है। ये मंदिर दोनों देशों की सीमा पर स्थित हैं और दोनों ही इस पर अपना दावा करते रहे हैं। 24 जुलाई 2025 को हालात तब बिगड़ गए जब थाईलैंड ने कंबोडिया पर रॉकेट और ड्रोन से हमला किया। इसमें 14 कंबोडियाई नागरिकों की जान चली गई और 1 लाख से ज्यादा लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए।
क्या हो सकता है भारत पर असर?
थाईलैंड और कंबोडिया में शुरू हुआ यह संघर्ष केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं रह सकता। भारत के लाखों पर्यटक हर साल थाईलैंड का रुख करते हैं। 2024 के आंकड़ों के अनुसार करीब 21 लाख भारतीयों ने थाईलैंड की यात्रा की थी, जिनमें से अधिकतर बैंकॉक, पटाया और फुकेट जैसे लोकप्रिय शहरों की ओर गए। अब जबकि थाईलैंड और कंबोडिया की सीमाएं बंद हो चुकी हैं और कूटनीतिक संबंध अस्थायी रूप से टूट चुके हैं, ऐसे में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गई है।
भारत सरकार की एडवाइजरी में क्या कहा गया है?
भारतीय दूतावास ने थाईलैंड जाने वाले सभी भारतीयों से अपील की है कि वे थाईलैंड पर्यटन प्राधिकरण (TAT) न्यूज़रूम से लेटेस्ट अपडेट जरूर लें और दूतावास की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन सख्ती से करें। जिन लोगों की पहले से यात्रा बुक है, वे अपनी योजना पर पुनर्विचार करें और वहां की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई करें।
कूटनीतिक हालात और वैश्विक चिंता
दोनों देशों ने अपने दूतावास अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं और राजनयिकों को वापस बुला लिया है। थाईलैंड की कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने स्पष्ट कहा है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो सीमा पर युद्ध जैसी स्थिति भी बन सकती है। ऐसे में भारत समेत दुनिया भर के देशों की नजरें इस तनाव पर हैं, और सभी देश संघर्ष विराम की अपील कर रहे हैं।
निष्कर्ष
थाईलैंड और कंबोडिया का यह विवाद ऐतिहासिक और धार्मिक जड़ों से जुड़ा है, लेकिन इसका असर आम लोगों की जान और सुरक्षा पर पड़ रहा है। भारत सरकार ने समय रहते जो चेतावनी जारी की है, उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे वर्तमान हालात को देखते हुए थाईलैंड की यात्रा पर जाने से पहले सोच-समझकर निर्णय लें और किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें।