रांची न्यूज डेस्क: रांची-टाटा हाइवे की हालत एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दो दिन पहले तक बारिश में इस हाईवे पर वाहन चालकों को हिचकोले खाते हुए गुजरना पड़ रहा था, और अब बारिश थमने के बाद धूल के गुब्बार ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इस बहुप्रचारित ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत चांडिल से गुजरते वक्त साफ नजर आती है — सड़क टूट चुकी है और धूल उड़ती रहती है।
खासकर पाटा के पास तो हालात बदतर हैं। जर्जर सड़क के कारण खुले वाहनों में यात्रा करना खतरे से खाली नहीं रहा। दोपहिया और तीनपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। वहीं, रात में उड़ती धूल के कारण हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। हाईवे किनारे बसे गांवों के लोग भी इस धूल से परेशान हैं, जिससे उनका रोजमर्रा का जीवन और स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस हाईवे से टोल जरूर वसूला जा रहा है लेकिन सड़क की मरम्मत की कोई सुध नहीं ली जा रही। पूर्व मुखिया प्रतिनिधि ज्योतिलाल माहली ने बताया कि पाटा टोल कंपनी केवल वसूली में लगी है, जबकि गांव के लोग धूल और खराब सड़क की दोहरी मार झेल रहे हैं। खासकर दमा के मरीजों के लिए यह स्थिति जानलेवा बन चुकी है।
लोगों में विभाग और प्रशासन के प्रति नाराजगी साफ झलक रही है। अब ग्रामीणों ने सड़क की मरम्मत और धूल नियंत्रण को लेकर कार्रवाई की मांग तेज कर दी है। सवाल ये है कि क्या सरकार इस ड्रीम प्रोजेक्ट की बदहाली पर ध्यान देगी या फिर लोग ऐसे ही धूल और जान जोखिम में डालकर सफर करते रहेंगे?