मुंबई, 25 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एरिया टेस्टिंग रेंज में शुक्रवार को ड्रोन से छोड़ी जाने वाली एक नई स्मार्ट मिसाइल ULPGM-V3 का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल पहले के वर्जन ULPGM-V2 का उन्नत रूप है और आधुनिक तकनीक से लैस है। यह मिसाइल दिन और रात, किसी भी मौसम में, बेहद सटीकता के साथ दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकती है। खास बात यह है कि लॉन्च के बाद भी लक्ष्य को बदला जा सकता है, जो इसे और भी ज्यादा प्रभावशाली बनाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया और इसे भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह सफलता इस बात का संकेत है कि भारतीय रक्षा उद्योग अब न केवल अत्याधुनिक तकनीकों को अपना रहा है, बल्कि बड़े स्तर पर उनके उत्पादन के लिए भी तैयार है। ULPGM-V3 को ड्रोन आधारित युद्ध प्रणाली का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है, जो भविष्य के युद्धों में गेमचेंजर की भूमिका निभा सकती है। इसके परीक्षण के सफल परिणाम भारत को हाईटेक और स्वदेशी हथियारों की दिशा में आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
बीते छह महीनों में DRDO ने कई अहम मिसाइल प्रणालियों का परीक्षण किया है। 1 फरवरी को ओडिशा के चांदीपुर स्थित टेस्ट रेंज से VSHORADS (वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम) का तीन बार परीक्षण किया गया, जो हाई स्पीड UAV लक्ष्यों को सटीकता से मार गिराने में सक्षम है। 3 से 4 अप्रैल के बीच डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से MRSAM (मीडियम रेंज सरफेस टु एयर मिसाइल) के आर्मी वर्जन का चार बार परीक्षण हुआ, जो अलग-अलग ऊंचाइयों और दूरियों पर लक्ष्य को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है। 11 जुलाई को अस्त्र BVRAAM (बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टु एयर मिसाइल) का दो बार परीक्षण किया गया। इसे सुखोई‑30MKI फाइटर जेट से लॉन्च किया गया था और यह स्वदेशी RF सीकर से लैस है। 14 से 16 जुलाई के बीच ET-LDHCM (एक्सटेंडेड ट्रेजेक्ट्री लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल) का परीक्षण भी किया गया, जिसकी गति Mach 8 और रेंज 1500 किलोमीटर तक है। इन सभी परीक्षणों से यह स्पष्ट है कि भारत अब रक्षा तकनीक के क्षेत्र में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों को विकसित कर रहा है जो उसे भविष्य की चुनौतियों से निपटने में मदद करेंगी।