रांची न्यूज डेस्क: जैसे-जैसे रमजान का मुकद्दस महीना आगे बढ़ रहा है, शहर का माहौल भी पूरी तरह रमजान के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है। दिन में इबादतगाहों में रोजेदारों की भीड़ उमड़ रही है और शाम को तरावीह की नमाज के बाद शहर के बाजारों और गलियों में रौनक लौट रही है। तरावीह का पहला दौर मुकम्मल होते ही रात के वक्त बाजारों की रौनक और भी बढ़ गई है। रांची की एकरा मस्जिद के आसपास रोजेदार देर रात तक चाय की चुस्कियों का आनंद ले रहे हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं। रात में गुलजार होते ये इलाके रमजान की खासियत को और भी खूबसूरत बना रहे हैं।
रमजान के दौरान रोजेदारों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए शहर के होटलों ने भी अपने समय में बदलाव किया है। कई होटलों ने अपनी समय सीमा बढ़ाकर 16 से 20 घंटे तक कर दी है। वहीं, कुछ होटल अब दिन में बंद रहते हैं और शाम से देर रात तक खुले रहते हैं। कर्बला चौक, रतन टॉकिज और हिंदपीढ़ी जैसे इलाकों के होटल रातभर खुले रहते हैं। यहां रोजेदार देर रात तक कवाब, पराठे और कुल्चे जैसी लज्जतदार चीजों का मजा ले रहे हैं। सुबह दो बजे से ही होटल सहरी की तैयारियों में जुट जाते हैं, ताकि रोजेदारों को किसी तरह की परेशानी न हो।
कर्बला चौक और रतन टॉकिज के होटल तरावीह की नमाज के बाद गुलजार हो जाते हैं। रातभर चाय और लजीज खाने का इंतजाम किया जा रहा है। सहरी के वक्त भी यहां लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। शहर के माहौल में रमजान की रूहानी खुशबू फैली हुई है। इबादत के साथ-साथ भाईचारे और सौहार्द का माहौल रमजान की खासियत को बयां कर रहा है।
रमजान में इस बार इत्र की मांग ने बाजार में नई जान डाल दी है। अजान, मुस्क जाफरान, गुलाब, वट मोगरा जैसी खुशबुएं बाजार में छाई हुई हैं। खासतौर पर व्हाइट मुश्क, हमसफर और सऊदी अरब का खूर इत्र युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है। रमजान के दौरान नमाज के वक्त खुशबू लगाना हजरत मुहम्मद (स.) की सुन्नत मानी जाती है। उलेमाओं ने भी इसे अफजल बताया है। यही वजह है कि रमजान के इस खास महीने में इत्र की बिक्री में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है। बाजारों में इत्र की दुकानों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है और लोग बड़ी तादाद में इसे खरीद रहे हैं।