आंतकी आमिर हमजा कौन? जो पाकिस्तान में गिर रहा अंतिम सांसें, जानें कैसे हुआ घायल

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Posted On:Wednesday, May 21, 2025

पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है और इस बार वजह है एक कुख्यात आतंकी आमिर हमजा, जो कभी लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापकों में शामिल था। हाल ही में ऐसी खबरें सामने आईं कि हमजा को गोली मार दी गई है, लेकिन अब स्पष्ट हुआ है कि उसे गोली नहीं लगी, बल्कि घरेलू दुर्घटना में घायल हुआ है। हालांकि उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है और वह अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है


कौन है आमिर हमजा?

आमिर हमजा कोई आम आतंकी नहीं, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक है। यह वही आतंकी संगठन है जिसने 26/11 जैसे भयावह हमलों को अंजाम दिया था और जिसे भारत समेत दुनिया के कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। आमिर हमजा लश्कर के 17 संस्थापक सदस्यों में से एक था और वह संगठन का प्रमुख रणनीतिकार, विचारक और प्रचारक भी रहा है।

वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला का निवासी है और लंबे समय तक अफगान मुजाहिदीन के साथ लड़ चुका है। इसके बाद उसने भारत के खिलाफ आतंकी नेटवर्क खड़ा करने में सक्रिय भूमिका निभाई।


अमेरिका ने घोषित किया था आतंकवादी

संयुक्त राज्य अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ आमिर हमजा को भी प्रतिबंधित आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने उसे आतंकी फंडिंग और उकसावे के लिए जिम्मेदार माना है। आमिर हमजा अल कायदा और तालिबान के साथ भी वैचारिक और रणनीतिक रूप से जुड़ा रहा है।

उसका नाम कई बार भारत में आतंकी घुसपैठ, फंडिंग और कट्टरवाद फैलाने में सामने आया है। भारत की खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आमिर हमजा ने कई बार कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए हथियार, ट्रेनिंग और पैसा मुहैया कराया।


भाषणों और लेखों के जरिए फैलाया ज़हर

आमिर हमजा न केवल बंदूक चलाने में माहिर था, बल्कि प्रोपेगेंडा युद्ध का भी एक बड़ा खिलाड़ी था। उसने उर्दू में कई किताबें और लेख लिखे जो आतंकियों में कट्टरता फैलाने के लिए इस्तेमाल किए गए। उसके भाषण मस्जिदों और मदरसों में सुनाए जाते थे, जिसमें वह भारत, अमेरिका और यहूदियों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाला प्रचार करता था।


खुद का संगठन बनाया

2018 में जब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठनों जैसे जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर कार्रवाई की, तब आमिर हमजा ने खुद को उनसे अलग कर लिया। इसके बाद उसने एक नया संगठन बनाया — जैश-ए-मनकाफा। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए सक्रिय किया गया।

हालांकि यह संगठन अधिक प्रभावशाली नहीं हो पाया, लेकिन उसके इरादे साफ थे — भारत में दहशत फैलाना और आतंकी नेटवर्क को जिंदा रखना।


कैसे घायल हुआ आमिर हमजा?

शुरुआती खबरों में दावा किया गया था कि आमिर हमजा को किसी ने गोली मार दी है, लेकिन बाद में पाकिस्तानी मीडिया और स्थानीय सूत्रों ने बताया कि वह अपने ही घर में हुए एक हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है। यह हादसा क्या था, इस पर अब तक विरोधाभासी रिपोर्ट्स हैं। कुछ सूत्रों का कहना है कि यह गैस सिलेंडर विस्फोट था, जबकि अन्य इसे घर में गिरने की घटना बता रहे हैं।

पाकिस्तानी प्रशासन ने अभी तक इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन खुफिया सूत्रों का मानना है कि आमिर हमजा अब कोमा जैसी स्थिति में है और उसके बचने की संभावना बेहद कम है।


भारत के लिए क्या मायने रखता है आमिर हमजा?

भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले आतंकी नेटवर्क में आमिर हमजा की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। उसकी विचारधारा ने कई युवाओं को कट्टरवाद की राह पर धकेला और कश्मीर घाटी में आतंक को बढ़ावा दिया। उसकी मौत या निष्क्रियता भारत के लिए एक रणनीतिक राहत हो सकती है, खासकर जब वह फंडिंग और वैचारिक प्रचार में सक्रिय था।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आमिर हमजा की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखे हुए थीं, लेकिन वह पाकिस्तान की सरजमीं से सुरक्षित तरीके से काम करता रहा। अब जब वह खुद ही मौत के करीब है, तो ये आतंकी तंत्र के लिए बड़ा झटका है।


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