रांची न्यूज डेस्क: रांची से सटे खलारी-कोयलांचल इलाके में आयुष्मान भारत योजना नाम मात्र की ही है। सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ यहां के मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। खलारी प्रखंड बने कई साल हो चुके हैं, लेकिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए अब तक इलाज की कोई व्यवस्था इस योजना के तहत नहीं हो पाई है। खलारी के 14 पंचायतों में रहने वाले लोग मजबूरी में रांची जाकर ही आयुष्मान कार्ड से इलाज करवा रहे हैं।
खलारी प्रखंड में तीन सरकारी स्वास्थ्य केंद्र और एक सीसीएल का केंद्रीय अस्पताल डकरा में मौजूद है। वहीं, पिपरवार में सीसीएल का क्षेत्रीय अस्पताल भी है। बावजूद इसके, इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत इलाज की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। यही हाल इलाके के दर्जनों निजी क्लीनिक और अस्पतालों का भी है, जो योजना से जुड़े नहीं हैं। इस वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इलाज के लिए मरीजों को रांची तक जाना पड़ता है। आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए सुबह-सुबह निकलकर रांची के किसी अस्पताल में नंबर लगाना, फिर अपनी बारी का इंतजार करना, यह सब मरीजों के लिए बेहद तकलीफदेह साबित हो रहा है। रांची पहुंचने और सही अस्पताल ढूंढने में पूरा दिन बीत जाता है, जिससे बीमार व्यक्ति की तबीयत और भी बिगड़ जाती है।
स्थानीय लोगों और नेताओं की मांग है कि खलारी और पिपरवार इलाके के अस्पतालों और क्लीनिकों में भी आयुष्मान योजना लागू की जाए। मरीज रीना देवी बताती हैं कि एक बार रांची जाकर इलाज कराने में करीब दो हजार रुपये का खर्च आता है, जो गरीबों के लिए भारी है। झामुमो नेता अनिल पासवान और पिपरवार के एरिया मेडिकल ऑफिसर डॉ. एफ आर साह ने भी स्वीकार किया कि सीसीएल के अस्पतालों में यह सुविधा नहीं है और मरीजों को रेफर किया जा रहा है।