रांची न्यूज डेस्क: रांची के धुर्वा इलाके में स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर में हर साल की तरह इस साल भी भव्य रथ मेला का आयोजन होने जा रहा है। यह मेला 27 जून से शुरू होकर दस दिन तक चलेगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं, खासकर मेले के पहले दिन भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए भारी संख्या में लोग जुटते हैं। सुबह-सुबह ही मंदिर के बाहर पूजा के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं।
मेले के पहले दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की विशेष पूजा की जाती है। पूजा के बाद ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ तीनों देवताओं को मंदिर से बाहर निकाला जाता है और रथ पर बैठाया जाता है। फिर हजारों भक्त मिलकर इस भव्य रथ को खींचते हैं। रथ मौसीबाड़ी पहुंचने पर रोक दिया जाता है, जहां भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन नौ दिन तक रहते हैं। दसवें दिन, जिसे ‘घूरती रथ’ के नाम से जाना जाता है, देवताओं को वापस रथ पर बैठाकर मंदिर लाया जाता है।
रथ मेले के दौरान मंदिर के आसपास एक बड़ा मेला लगता है जिसमें देशभर से व्यापारी अपने सामान लेकर आते हैं। यहां आप तरह-तरह की दुकानें देख सकते हैं, जिनमें घरेलू सामान, शस्त्र, मछली पकड़ने के जाल, सजावट के सामान, हस्तशिल्प, खिलौने और रंग-बिरंगी मिठाइयां मिलती हैं। मेले की यह विविधता इसे और भी खास बनाती है और हजारों लोग यहां खरीदारी के लिए आते हैं।
मेला सिर्फ खरीदारी तक सीमित नहीं है, यहां कई बड़े और अनोखे झूले भी लगते हैं, जिनका लोग खूब आनंद लेते हैं। इसके अलावा, मेले में ‘मौत का कुआं’ और ‘नागिन’ जैसे मनोरंजक शो भी होते हैं। खाने-पीने के लिए भी कई स्टाल होते हैं, जहां स्वादिष्ट व्यंजनों का मजा लिया जा सकता है, जो मेले की रौनक को और बढ़ा देते हैं।