रांची न्यूज डेस्क: राजधानी रांची के जिला स्कूल मैदान में 17 से 26 जनवरी 2025 तक राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में पाठकों को हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत समेत कई भाषाओं की नई और पुरानी किताबें एक ही जगह पर देखने को मिलेंगी। इसके साथ ही, कई दुर्लभ दस्तावेज भी प्रदर्शित किए जाएंगे। हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए यह मेला खास रहेगा।
सोशल मीडिया के दौर में किताबों का महत्व
इस 10 दिवसीय मेले का थीम ‘सोशल मीडिया के दौर में पुस्तकें’ रखा गया है। आयोजक चंद्रभूषण ने बताया कि समय इंडिया नई दिल्ली के बैनर तले आयोजित यह मेला सुबह 11 बजे से शाम 7:30 बजे तक चलेगा। मेले का उद्देश्य पाठकों को किताबों से जोड़ना और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना है। इसमें देशभर के कई प्रमुख प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता शामिल होंगे।
दुर्लभ किताबें और ऐतिहासिक दस्तावेज आकर्षण का केंद्र
राष्ट्रीय पुस्तक मेले में झारखंड की क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों के साथ पटना अभिलेखागार द्वारा जयप्रकाश नारायण और उनके आंदोलनों पर आधारित दुर्लभ किताबें विशेष आकर्षण होंगी। इसके अलावा, अंग्रेज शासनकाल के समय के कुछ दुर्लभ सरकारी आदेश भी प्रदर्शित किए जाएंगे। प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं में इस मेले को लेकर काफी उत्साह है।
छात्रों के लिए विशेष व्यवस्था
स्कूल और कॉलेज के छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। छात्र-छात्राएं सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक अपना आई कार्ड दिखाकर मुफ्त में प्रवेश पा सकते हैं। आयोजकों का कहना है कि यह सुविधा युवाओं को पुस्तकों की दुनिया के करीब लाने के लिए दी जा रही है।
साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे खास
पुस्तक मेले के दौरान साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। मेले में राजपाल एंड संस, गीता प्रेस, समय प्रकाशन, हिन्द युग्म, योगदा सत्संग सोसायटी और अन्य प्रमुख प्रकाशन अपनी पुस्तकों का प्रदर्शन करेंगे। आयोजकों का मानना है कि यह मेला पाठकों और पुस्तकों के बीच एक मजबूत सेतु का काम करेगा।