रांची न्यूज डेस्क: झारखंड की राजधानी रांची के शहीद चौक पर एक ऐसा पेड़ मौजूद है जो आज भी स्वतंत्रता संग्राम की दर्दनाक यादों को संजोए हुए है। इस सूखे पेड़ की एक टहनी पर 170 साल पुराना फांसी का फंदा आज भी लटका हुआ है। इसे देखकर लोगों के मन में शहीदों की कुर्बानियों की तस्वीर उभर आती है।
यह पेड़ झारखंड सहकारी बैंक के पास स्थित है। पेड़ पर अब कोई पत्ता नहीं है, लेकिन इसकी जड़ें और सूखी टहनियां अब भी लोगों को रुकने और सोचने पर मजबूर कर देती हैं। उसी में बंधा है वह फांसी का मोटा रस्सी वाला फंदा, जिसे अंग्रेजों ने वीर क्रांतिकारियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल किया था।
रांची के शिक्षाविद् डॉ. राम के मुताबिक यह फंदा सिर्फ रस्सी नहीं, आज़ादी के संघर्ष की एक जीती-जागती गवाही है। अंग्रेजी हुकूमत ने यहां कई क्रांतिकारियों को फांसी दी थी। यह फंदा इसलिए अब तक लटक रहा है ताकि लोग यह न भूलें कि आज़ादी उन्हें यूं ही नहीं मिली है।
इस पेड़ और फंदे की मौजूदगी झारखंड के वीर सपूतों—धरती आबा बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू और अनेकों गुमनाम क्रांतिकारियों के बलिदान को सहेजे हुए है। यह फंदा लोगों को हर दिन यह याद दिलाता है कि झारखंड की धरती सिर्फ खनिजों की नहीं, बलिदानों की भी धरती है।