रांची न्यूज डेस्क: झारखंड में मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला राजधानी रांची के आसपास का है, जहां 25 हाथियों का एक बड़ा झुंड लातेहार और लोहरदगा के जंगलों से होते हुए बेड़ो और मांडर इलाके तक पहुंच चुका है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, क्योंकि हाथियों ने खेतों को रौंद दिया और कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचाया है।
किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे आर्थिक नुकसान तो हुआ ही है, डर का ऐसा आलम है कि कई ग्रामीण रातें जागकर और खुले में बिताने को मजबूर हैं। हाथियों को भगाने के लिए लोग मशाल, पटाखे और ढोल-नगाड़ों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन ये उपाय स्थायी समाधान नहीं हैं।
वन विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम गठित की है, जो झुंड की निगरानी कर रही है और हाथियों को जंगल में वापस भेजने की कोशिश कर रही है। विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना देने की अपील की है। लेकिन डर अब गांव-गांव में फैल चुका है।
विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि जंगलों की कटाई और हाथियों के रास्तों पर बसे गांव अब संघर्ष का कारण बन रहे हैं। भोजन और पानी की तलाश में हाथियों का इंसानी इलाकों की ओर आना जारी रहेगा, जब तक कि इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता।