रांची न्यूज डेस्क: 17 जून को झारखंड में मॉनसून ने दस्तक दी और उसके साथ ही बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के चलते राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई। तेज बारिश के कारण अलग-अलग जिलों में भारी तबाही मची, जिसमें अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है। कुछ जगहों पर पुल टूट गए और कई नदियां उफान पर आ गईं, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
राजधानी रांची में बीते 24 घंटे में मौसम अपेक्षाकृत शांत रहा। सुबह हल्की बारिश हुई, लेकिन दोपहर के बाद मौसम साफ हो गया और तेज धूप निकल आई। जमशेदपुर समेत दक्षिणी और मध्य झारखंड के जिलों में भी इसी तरह का मौसम देखने को मिला। हालांकि हजारीबाग, पलामू, चतरा और गढ़वा में शाम के वक्त फिर से जोरदार बारिश शुरू हो गई।
आज के मौसम पूर्वानुमान की बात करें तो लोगों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन मौसम विभाग की ओर से कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। हवा की गति 20 से 30 किमी प्रति घंटा रह सकती है, जबकि साहिबगंज, गोड्डा, पलामू, चतरा, दुमका और पाकुड़ में तेज बारिश के आसार जताए गए हैं।
बारिश के आंकड़ों से साफ है कि झारखंड में सामान्य से कहीं अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिससे नाले, तालाब, डैम और सड़कें पानी से भर गई हैं। कांके डैम के एसडीओ सौरभ उपाध्याय के अनुसार, 2011 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि मॉनसून आने के इतने कम समय में ही डिस्चार्ज गेट खोलने की नौबत आ गई। हटिया और गेतासूल डैम का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे प्रशासन अलर्ट मोड में है।