रांची न्यूज डेस्क: रांची से पटना जा रही जन शताब्दी एक्सप्रेस में अचानक हुए पथराव से यात्रियों में हड़कंप मच गया। घटना गया के पास शहीद ईश्वर चौधरी हाल्ट के पास की बताई जा रही है। पथराव इतना तेज था कि ट्रेन की खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए और पत्थर अंदर तक बिखर गए। यात्रियों के मुताबिक, सीट को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें पहले से बैठे युवकों ने उतरने से इनकार कर दिया। जब उनसे दोबारा सीट खाली करने को कहा गया, तो उन्होंने अभद्रता शुरू कर दी और बुजुर्ग यात्रियों से भी बदसलूकी की। कुछ देर बाद जब ट्रेन रुकी, तो वे दोनों युवक नीचे उतरे और अचानक पथराव कर दिया।
इस घटना की सूचना धनबाद आरपीएफ को दी गई, लेकिन शिकायत करने वाले यात्री ने रेलवे के टोल फ्री नंबर 139 पर कॉल किया तो किसी ने रिसीव नहीं किया। जब ट्रेन गया जंक्शन पहुंची, तो पीड़ित यात्री ने रेल पुलिस को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की। जीआरपी और आरपीएफ की टीम मामले की जांच में जुट गई है और बदमाशों की पहचान की जा रही है। यात्री राजीव कुमार, जो गोमो स्टेशन से चढ़े थे, ने बताया कि उनकी सीट पहले से आरक्षित थी, लेकिन दो युवक पहले से ही उस पर बैठे थे। जब उन्हें हटने के लिए कहा गया, तो उन्होंने अगले स्टेशन पर उतरने की बात कहकर वहीं बैठे रहने की जिद की।
हालांकि, जब अगला स्टेशन आ गया और वे नहीं उतरे, तो दोबारा सीट छोड़ने को कहा गया। इस पर दोनों युवक उलझ गए और बहस करने लगे। जब ट्रेन शहीद ईश्वर चौधरी हाल्ट के पास पहुंची, तो वे वैक्यूम कर ट्रेन से उतर गए और गुस्से में उसी सीट की खिड़की पर पत्थर बरसाने लगे। इस हमले में खिड़की का शीशा टूट गया और यात्री राजीव कुमार समेत एक अन्य यात्री को चोट लग गई।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रेनों में इस तरह की घटनाएं हुई हैं। इससे पहले भी महाकुंभ जाने वाले यात्रियों ने बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में ट्रेनों की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए थे। कुछ यात्री ट्रेन के गेट न खुलने से नाराज होकर खिड़की के कांच तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे। लगातार हो रही इन घटनाओं से यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।