रांची न्यूज डेस्क: खलारी प्रखंड और कोयलांचल क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। प्रखंड में नगर निगम की कोई व्यवस्था न होने के कारण किसी भी एजेंसी को इन पर नियंत्रण की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि हर सुबह गली-मोहल्लों में कुत्तों का झुंड मंडराता है, जिससे बच्चों और महिलाओं में भय का माहौल बन गया है। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे अकेले जाने में डरते हैं और कई बार रोते हुए घर लौट आते हैं। इससे न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि उनका मानसिक विकास भी बाधित हो रहा है।
खलारी प्रखंड की कुल 14 पंचायतों में लगभग 1.10 लाख लोग आवारा कुत्तों के आतंक से त्रस्त हैं। मकरधोकड़ा, पारडगांव, जेहलीटांड़, केडी चौक, बाजारटांड़ और करकट्टा चौक जैसे प्रमुख क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं। ग्रामीण बताते हैं कि दिन हो या रात, इन चौक-चौराहों पर कुत्तों का झुंड मंडराता रहता है और कई बार ये राहगीरों पर झपट पड़ते हैं। प्रशासन की अनदेखी के कारण हालात और बिगड़ गए हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि नगर निगम की व्यवस्था नहीं होने के कारण रांची जिला प्रशासन को इस जिम्मेदारी को उठाना चाहिए। उन्होंने नसबंदी, पकड़-धकड़ अभियान, पुनर्वास योजनाओं और चौक-चौराहों पर नियमित निगरानी की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा।
ग्रामीणों के बयान में एसपी चौरसिया, उपेन्द्र सिन्हा, उमेश वर्मा, दिलीप ठाकुर और अनिल कुमार पासवान ने भी चिंता व्यक्त की। उनका कहना है कि आवारा कुत्तों से बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है और सरकारी अस्पताल में काटने पर एंटी रेबीज इंजेक्शन की सुविधा न होना चिंता बढ़ा रहा है। उन्होंने रांची जिला प्रशासन से तत्काल ठोस कदम उठाने की अपील की है।