रांची न्यूज डेस्क: रिश्वतखोरी के एक पुराने मामले में सोनाहातू के तत्कालीन बीएसओ संतोष कुमार सिन्हा के खिलाफ अब तक मुकदमा शुरू नहीं हो पाया है। हैरानी की बात यह है कि इस मामले को दर्ज हुए 14 साल बीत चुके हैं, लेकिन रांची उपायुक्त की ओर से अभियोजन स्वीकृति अब तक नहीं दी गई। यह मामला एसीबी कोर्ट में लंबित है, जहां हर सुनवाई में रिकॉर्ड खोला जाता है और अभियोजन स्वीकृति आदेश का इंतजार दर्ज कर अगली तारीख तय कर दी जाती है। अब अगली सुनवाई की तारीख 28 नवंबर रखी गई है।
यह मामला वर्ष 2011 का है, जब वृद्धा पेंशन वितरण के दौरान बीएसओ संतोष कुमार सिन्हा पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था। बताया गया कि उन्होंने दलाल जगन्नाथ मछुआ के जरिए लाभुकों से ₹50-₹50 वसूले थे। शिकायत मिलते ही एसीबी की टीम ने छापा मारकर दोनों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के बैग से ₹8,249 की नकदी भी बरामद हुई थी। यह रकम कथित तौर पर रिश्वत की राशि बताई गई थी। इसके बावजूद इतने वर्षों में जांच और मुकदमे की कार्यवाही शुरू नहीं हो सकी है।
एसीबी कोर्ट में यह मामला हर बार अभियोजन स्वीकृति की प्रतीक्षा में आगे बढ़ा दिया जाता है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि जब तक स्वीकृति नहीं मिलती, मुकदमे की शुरुआत संभव नहीं है। अब नजर इस बात पर है कि क्या 28 नवंबर तक रांची उपायुक्त की ओर से स्वीकृति जारी की जाती है या नहीं।