रांची न्यूज डेस्क: रांची के डॉ. प्रकाश कुमार सहाय ने इंग्लैंड में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। रिम्स, रांची से एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने बर्मिंघम में अपना करियर शुरू किया। 1988 में एक चर्च में किराये के कमरे से उनका क्लिनिक शुरू हुआ, जहां शुरुआत में केवल 1400 मरीज जुड़े थे। मेहनत और समर्पण से आज उनका क्लिनिक उनकी अपनी संपत्ति पर है और करीब 6000 मरीज नियमित रूप से सेवा ले रहे हैं। उनके परिवार के सदस्य—पत्नी रीता सहाय, बेटी डॉ. प्रिया ऋषि और बेटा डॉ. राहुल सहाय—क्लिनिक संचालन में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
डॉ. सहाय झारखंड की स्वास्थ्य सेवा में योगदान देना भी चाहते हैं। वे बिहार-झारखंड मेडिकल एसोसिएशन यूके के पूर्व वाइस-प्रेसीडेंट रह चुके हैं और वर्तमान में पेट्रोन की भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यूके के संस्थापक सदस्य और ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन, वेस्ट मिडलैंड्स (यूके) के पूर्व चेयरमैन भी रह चुके हैं। बर्मिंघम की लोकल एजुकेशन अथॉरिटी ने उन्हें स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर के रूप में भी नियुक्त किया, जहां उन्होंने 20 साल तक सेवा दी।
इंग्लैंड में भारतीय संस्कृति के संवर्धन में भी डॉ. सहाय सक्रिय हैं। पिछले 30 वर्षों से वे होली, दिवाली और अन्य भारतीय त्योहारों का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। उनका प्रयास है कि बच्चों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया जाए और वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें।
डॉ. सहाय न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में भी योगदान दे रहे हैं। उनका काम दिखाता है कि विदेश में रहते हुए भी भारतीय मूल और संस्कृति को बढ़ावा देना संभव है। वे देश और विशेषकर झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार और सेवाओं के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।