रांची न्यूज डेस्क: सॉ मिल और वुड बेस्ड इंडस्ट्रीज से जुड़े व्यापारियों की समस्याओं पर चर्चा के लिए बुधवार को चैंबर भवन में उप समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता उप समिति के चेयरमैन तुलसी पटेल ने की। सदस्यों ने वर्ष 1996 से पूर्व वन क्षेत्र से पांच किलोमीटर की परिधि में संचालित आरा मिलों को नियमित करने के प्रस्ताव पर अब तक ठोस कार्रवाई न होने पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय पहले ही अपने आदेश में जनहित को ध्यान में रखते हुए आरा मिलों की दूरी संबंधी नियमों में छूट देने की बात कह चुका है।
बैठक में चैंबर ने प्रस्ताव दिया कि झारखंड में पंजाब की तर्ज पर आरा मिलों के लिए 100 मीटर की दूरी तय की जाए, ताकि बंद पड़ी वैध मिलों को पुनः संचालित किया जा सके। सदस्यों ने बताया कि राज्य स्तरीय समिति की बैठक में यह सहमति बनी थी कि 12 दिसंबर 1996 से पूर्व स्थापित वैध आरा मिलों को 5 किमी की बाध्यता से मुक्त रखा जाए। हाल ही में वन सचिव अबूबकर सिद्दीकी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और चैंबर प्रतिनिधियों के साथ चर्चा में यह सहमति जताई कि वैध मिलों को बंद नहीं किया जाना चाहिए।
बैठक में तय हुआ कि चैंबर का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय की मांग करेगा। बैठक में संजय सिंह, सुरेंद्र जैन, एएल भगत, श्याम मंडल, अनूप मोदी, इंदु भूषण, लालचंद वर्मा, जयकांत जयसवाल, हाजी हबीब, राजन गुप्ता, रामपुकार सिंह, लालजीत, ओम कुमार चौधरी, मनोज शर्मा समेत कई अन्य सदस्य उपस्थित थे।