मुंबई, 23 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कर्नाटक के मशहूर धर्मस्थल मंदिर में दफनाए गए कथित शवों के मामले ने अचानक नया मोड़ ले लिया है। राज्य सरकार की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने इस पूरे विवाद को उजागर करने वाले शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया है। उस पर झूठा बयान देने और फर्जी सबूत पेश करने का आरोप लगाया गया है। गिरफ्तार शख्स का नाम सी. एन. चिन्नैया है, जो मंदिर का पूर्व सफाईकर्मी रह चुका है। चिन्नैया ने दावा किया था कि दो दशकों तक मंदिर परिसर में हत्या और बलात्कार की घटनाओं के बाद कई शवों को छिपाकर दफनाया गया। SIT प्रमुख प्रणब मोहंती ने बताया कि शिकायतकर्ता के बयान और प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में भारी विरोधाभास पाया गया। इसी सिलसिले में उससे घंटों पूछताछ की गई और फिर शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विजयेंद्र ने चिन्नैया को 10 दिन की SIT कस्टडी में भेज दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिन्नैया ने बेल्थंगडी मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते हुए एक खोपड़ी और कुछ हड्डियां पेश की थीं। उसने दावा किया था कि ये अवशेष एक महिला के हैं, जिसके साथ यौन शोषण के बाद हत्या की गई। हालांकि, फॉरेंसिक जांच में यह साबित हुआ कि हड्डियां एक पुरुष की हैं। SIT की टीम ने अब तक 17 जगह खुदाई की है, लेकिन केवल दो स्थानों से पुरुषों के कंकाल मिले हैं। किसी भी महिला का शव बरामद नहीं हुआ है। अपने बयान में चिन्नैया ने कहा था कि 1998 से 2014 तक धर्मस्थल में नौकरी के दौरान उसे दबाव डालकर गुपचुप तरीके से शव दफनाने को कहा गया। इनकार करने पर उसे पीटा गया और परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। उसने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर प्रशासन से जुड़े प्रभावशाली लोग इस पूरे खेल में शामिल हैं और विरोध करने वालों को चुप करा दिया जाता है। धर्मस्थल मंदिर कर्नाटक के मंगलुरु के पास नेत्रावती नदी के किनारे स्थित है। भगवान शिव के स्वरूप श्री मण्जुनाथ को समर्पित यह मंदिर हिंदू और जैन धर्म के अनूठे मेल का उदाहरण माना जाता है। यहां की विशेषता यह है कि पूजा हिंदू पंडित करते हैं, जबकि मंदिर का प्रबंधन जैन परिवार संभालता है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं और मंदिर में अन्नदान, शिक्षा व चिकित्सा जैसी सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।